Saturday, 8 April 2017

*मेरी रूह का परिंदा फड़फड़ाये,*
*लेकिन सकून का जजीरा मिल न पाए*


प्रश्न: इस कविता में, कवि कहाँ है और क्या कर रहा है?






उत्तर: इस कविता में कवि wine shop के बाहर खड़ा है और उसका नवरात्रि का व्रत है़.

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