Friday, 20 October 2017

यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के, ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले...
🤔🤔🤔🤔🤔
भावार्थ👇
यहाँ कवि को ATM की लाइन से, दूर पड़ा एक 100 का नोट दिखाई देता है, कवि सोच रहा है, नकली हुआ तो नोट भी गया, लाइन भी...
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