Friday, 20 October 2017

नदी जब निकलती है,
कोई नक्‍शा पास नहीं होता कि "सागर" कहां है।

बिना नक्‍शे के सागर तक पहुंच जाती है।
ऐसा नहीँ है कि नदी कुछ नहीँ करती है।
उसको "सागर" तक पहुंचने के लिए लगातार "बहना" अर्थात "कर्म" करना पड़ता है।

इसलिए "कर्म" करते रहिये,
नक्शा तो भगवान् पहले ही बनाकर बैठे है ।
हमको तो सिर्फ "बहना" ही है ।👏👏

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