Saturday, 14 January 2017

काला धन ना पैदा होता है ना मरता है... जिस प्रकार आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरा शरीर धारण करती है, उसी प्रकर काला धन एक अकाउंट को छोड़कर दूसरा अकाउंट धारण कर लेता है....

-- चाणक्य का मुनीम ।

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