Saturday 4 February 2017

*लाख दलदल हो,*
*पाँव जमाए रखिये;*

*हाथ खाली ही सही,*       
*ऊपर उठाये रखिये;*

*कौन कहता है छलनी में,*     
*पानी रुक नहीं सकता;*
 
*बर्फ बनने तक,*
*हौसला बनाये रखिये।👌🏿*

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