बदलो
पानी बदलो.....ज़रा हवा बदलो
ज़िंदगानी की..... ये फ़िज़ा बदलो
कह रही है ये....... दूर से मंज़िल;
काफिले वालो!... रहनुमा बदलो.
तुमको..... जीना है इस जहाँ में..... अगर;
अपने जीने का...... फलसफा बदलो.
आँधियाँ...... तो.... बदलने वाली नहीं;
तुम ही....... बुझता हुआ दिया बदलो
मुस्कुराहट ........मिला के थोड़ी सी
अपने अश्कों का....... ज़ायक़ा बदलो
सारी दुनिया..... बदल गयी कितनी
तुम भी .....!... अब ज़रा बदलो..
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