Saturday, 11 February 2017

समय की .. इस अनवरत बहती धारा में .. 
अपने चंद सालों का .. हिसाब क्या रखें .. !! 

दोस्तों ने .. दिया है .. इतना प्यार यहाँ .. 
तो दुश्मनी .. की बातों का .. हिसाब क्या रखें .. !! 

खुशी के दो पल .. काफी हैं .. खिलने के लिये .. 
तो फिर .. उदासियों का .. हिसाब क्या रखें .. !! 

हसीन यादों के मंजर .. इतने हैं जिंदगानी में .. 
तो चंद दुख की बातों का .. हिसाब क्या रखें .. !! 

कुछ तो जरूर .. बहुत अच्छा है .. सभी में यारों .. 
फिर जरा सी .. बुराइयों का .. हिसाब क्या रखें .. !!
     

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